Thursday, June 14, 2018

आर्थिक संवृध्दि एवं आर्थिक विकास


आर्थिक संवृध्दि एवं आर्थिक विकास

आर्थिक  संवृध्दि : आर्थिक संवृध्दि से अभिप्राय किसी समयावधि में किसी अर्थव्‍यवस्‍था में होने वाली वास्‍तविक आय से है। सामान्यता यदि सकल राष्‍ट्रीय उत्पाद  (GNP), सकल घरेलू उत्पाद (GDP) तथा प्रति व्‍यक्ति आय में वृद्धि हो रही हो तो हम कहते है कि आर्थिक संवृध्दि हो रही है।

नोट : किसी देश की आर्थिक संवृध्दि का सर्वाधिक उपयुक्त मापदण्‍ड प्रति व्‍यक्ति वास्‍तविक आय होता है।
आर्थिक विकास : आर्थिक विकास की धारणा आर्थिक संवृध्दि की धारणा से अधिक व्यापक है । आर्थिक विकास सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक गुणात्मक एवं परिमाणत्‍मक सभी परिवर्तनों से संबंधित है। आर्थिक विकास तभी कहा जायेगा जब जीवन की गुणवता में सुधार हो। आर्थिक विकास की माप में अनेक चर सम्मिलित किये जाते है, जैसे - आर्थिक, राजनीतिक तथा सामाजिक संस्थाओं के स्वरूप में परिवर्तन, शिक्षा तथा साक्षरता दर, जीवन प्रत्यक्षता, पोषण का स्‍तर, स्‍वास्‍थ्‍य सेवाऍ, प्रति व्‍यक्ति उपभोग वस्‍तुएँ अतः: आर्थिक विकास मूलतः: मानव विकास  ही है।

नोट : भारतीय मूल के नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्‍त्री प्रो. आमर्त्‍य सेन ने  आर्थिक विकास को अधिकारिता तथा क्षमता के विस्‍तार के रूप में परिभाषित किया है, जिसका तात्‍पर्य जीवन पोषण, आत्‍म-सम्‍मान तथ स्वतंत्रता है। महबूब ऊल हक ने आर्थिक विकास को 'गरीबी के विरूद्ध लड़ाई' के रूप मं परिभाषित किया चाहे वह गरीबी किसी रूप की हो।


 आर्थिक विकास की माप : विभिन्‍न देशों के आर्थिक विकास की माप तथा विभिन्‍न देशों के आर्थिक विकास की तुलनात्मक स्थिती ज्ञात करने पॉंच दृष्टिकोण मिलते है।
1.   आधारभूत आवश्‍यकता प्रत्‍यागम : प्रतिपादन विश्‍व बैंक ने किया
2.   जीवन की भौतिक गुणवता निर्देशांक प्रत्‍यागम : प्रतिपादन मौरिस डेविड मौरिश ने 'ओवरसीज डेवलपमेंट कौंसिल' के कहने पर किया। इसमें तीन आंकडो की तुलना की शिशु मृत्‍यु दर, वयस्क साक्षरता दर, एवं 1वर्ष आयु की जीवन प्रत्‍याशा के औसत मान का उपयोग किया जाता है।
नोट : जीवन की भौतिक गुणवता निर्देशांक प्रत्‍यागम (फिजिकली क्‍वालटी ऑफ लाईफ इनडेक्‍स -PQLI) का अधिकतम मूल्‍य 100 तथ न्यूनतम मूल्‍य 1 होगा। 100 की ओर बढ़ना उत्तम स्थिती का और 1 की और बढ़ना खराब स्थिती का परिचालक होता हे।  
3.   क्रय शक्ति समता विधि : इस विधि का सबसे पहले प्रयोग 1993 में अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने किया और आजकल विश्‍व बेक इसी विधि का प्रयोग विभिन्‍न देशों के रहन-सहन के स्‍तर की तुलना के लिए कर रहा हैं तुलना के लिए कर रहा है।
नोट : विश्‍व विकास रिपोर्ट 2014 के अनुसार 2012 में क्रय शक्ति समता (परचेसिंग पॉवर पेरिटी) की दृष्टि से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था विश्‍व की तीसरी बडी अर्थव्‍यवस्‍था है।
4.   निवल आर्थिक कल्याण : इस धारणा प्रयोग सबसे पहले डैली तथ कॉब ने 1989 में किया। सेमुएलसन का यह मत है कि निवल आर्थिक कल्याण (नेट इकोनोमिक वेलफेयर- NEW) लोगों के जीवन निर्वाह में सुधार की सही माप करेगा।
नोट : जीवन की गुणवत्ता सुधार (आर्थिक विकास का मापक) की माप के लिए विलियम नोरधास तथा जेम्‍स टोबिन ने मेजर ऑफ इकोनामिक बेलफेयर (MEW) की धारणा विकसित की जिसे बाद में सेमुएलशन ने संशोधित कर नेट इकोनामिक वेलफेयर (NEW) कहा।  
5.   मानव विकास सूचकांक : इस सुचकांक का प्रतिपादन 1990 में यूनाइटेड नेशन्‍स डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) से जुडे अर्थशास्‍त्री महबूब उल हक तथा उनके सहयोगियों ने किया। मानव विकास सूचकांक के तीन आधारभूत आयाम हे- ज्ञान, जन्म के समय जीवन प्रत्‍याक्षा तथ क्रय शक्ति समा योजित प्रति व्‍यक्ति के रूप में प्रदर्शित जीवन निर्वाह का स्‍तर। मानव विकास सुचकांक का उच्चतम मान 1.0 तक हो सकता है।
नोट : मानव विकास सूचकॉक स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा एवं आय आदि के स्‍तर के आधार पर तैयार किया जाने वाला संयुक्‍त राष्‍ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) का सूचकांक है।  

मानव विकास रिपोर्ट 2016
·         मानव विकास सूचकांक के गुणात्मक मापन का प्रयास UNDP द्वारा 1990 से सत्त रूप से जारी  है जिसे मानव विकास रिपोर्ट (HDR) की संज्ञा दी गई है।
·         संयुक्‍त राष्‍ट्र विकास कार्यक्रम की वर्ष 2016 की मानव विकास रिपोर्ट 21 मार्च 2017 को जारी की गई  विश्‍व के कुल 188 देशों के मानव विकास सुचकांक में भारत (0.624) का 131वां स्‍थान है  (वर्ष 2014 में 135वां, वर्ष 2015 में 130वां स्‍थान था )
·         188 देशों की मानव विकास सूचकांक की सूची में नॉर्वे को सर्वोच्‍च स्‍थान प्रदान किया गया है जबकि मध्‍य अफ्रि‍की गणराज्य सबसे निचले पायदान पर है।

·         मानव विकास सूचकांक की दृष्टि से शीर्ष पॉंच राष्‍ट्र है ---
1.   नार्वे (0.949)
2.   ऑस्‍ट्रेलिया (0.939)
3.   स्विट्जरलैंड (0.939)
4.   जर्मनी (0.926)
5.   डेनमार्क (0.925)
6.   सिंगापुर (0.925)

·         मानव विकास सुचकांक की दृष्टि से निचले पॉंच देश है ---
o    188वां सेन्ट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (0.352)
o    187वॉं नाइजर (0.358)
o    186वॉं चाड (0.392)
o    185वॉं गायना (0.392)
o    184वॉं बुरन्‍डी (0.400)

नोट : बहुत ऊँचे मानव विकास वाले देशों की संख्‍या 51 है।


क्रम.
मानव विकास सूचकांक
मानव विकास के मामले में देशों की स्थिति
1
0 से .550 से कम
निम्‍न मानव विकास वाले देश
2
.550 से .700 से कम
मध्यम मानव विकास वाले देश
3
.700 से .800 से कम
उच्‍च मानव विकास वाले देश
4
.800 से 1
बहुत उच्‍च मानव विकास वाले देश

खुशहाली
खुशहाली मनुष्य मात्र की आकांक्षा है जो कि सामाजिक प्रगति का पैमाना बन सकता है। दुनिया भर के देशों के लोग खुश है कि नहीं इसकी सही माप की कुंजी खुशहाली शब्‍द के अर्थ में ही निहित है। खुशहाली की माप के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ का एक निकाय 'सस्‍टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्‍युशन नेटवर्क' ने 2012 से विश्‍व खुशहाली रिपोर्ट का प्रकाशन शुरू किया। इस रिपोर्ट में राष्‍ट्रों की खुशहाली की माप की जाती है जिसका मूल उद्देश्‍य है राष्‍ट्रों की 'लोक नीति' का पथ प्रदर्शन करना। खुशहाली की माप निम्‍न 6 कारकों के आधार पर की जाती हे---
1.   प्रति व्‍यक्ति GDP (क्रय शक्ति तुल्यता के आधार पर)
2.   सामाजिक सहयोग
3.   स्वस्थ जीवन प्रत्‍याक्षा
4.   जीवन विकल्पों के चयन की स्वतंत्रता
5.   उदारता तथा
6.   भ्रष्टाचार का बोध

विश्‍व खुशहाली रिपोर्ट 2017
·         155 देशों की सूची में विश्‍व में सबसे ज्यादा खुशहाल देश नॉर्वे है और सबसे कम खुशहाल देश सेन्ट्रल अफ्रि‍की रिपब्लिक है।
·         विश्‍व के सबसे ज्यादा पॉंच खुशहाल देश है --- नॉर्वे(प्रथम), डेनमार्क (द्वितीय), आइसलैंड (तृतीय), स्विट्जरलैंड (चतुर्थ), फिनलैंड (पंचम)
·         इस सूची में भारत 122वें पायदान पर है
·         भारत के पड़ोसी देशों का रेंक है --- चीन(79वां), पाकिस्तान (80वां), नेपाल (99वां), बांग्लादेश (110वां), श्रीलंका (120 वां), अफगानिस्‍तान (141वां)।

नोट : इस सूची में अमेरिका 14वें पायदान पर है।

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