व्यापारिक संगठन
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की
स्थापना 27 दिसम्बर, 1945 में बेटनबुड सम्मेलन के निर्णय के
आधार पर किया गया तथा इसका कार्य 1मार्च 1947 से शुरू हुआ।
अप्रैल 2017 तक इसके सदस्य देशों की संख्या 189 है।
(189वां देश सदस्य नौरू)
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आईएमएफ का
कार्य सदस्य राष्ट्रों के मध्य राष्ट्रों के मध्य वित्तीय और आर्थिक सहयोंग
को बढावा देना तथा विश्व व्यापार का संतुलित विस्तार करना है।
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IBRD
अर्थात 'पुनर्निमाण एवं विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक' की स्थापना सन् 1945 में हुई।
अप्रैल 2017 तक इसके सदस्य देशों की संख्या 189 है।
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आईबीआरडी को ही अन्य संस्थाओं के साथ मिलाकर विश्व बैंक के नाम से पुकारा जाता है। इन संस्थाओं
में अन्तर्राष्ट्रीय वित्त निगम, अन्तर्राष्ट्रीय विकास संघ तथा बहुपक्षीय विनियोग गारण्टी अभिकरण है।
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इसका
उद्देश्य विश्वयुद्ध से जर्जर हुई अर्थव्यवस्था का प्रारंभिक पुनर्निमाण तथा
अल्प विकसित देशों के विकास में योगदान देना है।
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इस समय यह
सदस्य देशों में पूँजी निवेश में सहायता तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के
दीर्घकालीन संतुलित विकास को प्रोत्साहित करने में लगा है।
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GATT
अर्थात 'प्रशुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौता 30 अक्टूबर 1947 को हुआ तथा 1 जनवरी 1948 से लागू हुआ।
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जीएटीटी के मूल
सिद्धांत थे -- समान प्रशुल्क की नीति, परिमाणात्मक प्रतिबंधों को हटाना तथा व्यापारिक वाद-विवाद को लोकतांत्रिक
तरीके से निपटारा करना।
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12 दिसम्बर 1995 को जीएटीटी का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया तथा 1 जनवरी 1995 को इसका स्थान WTO
अर्थात विश्व व्यापार संगठन ने ले लिया।
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WTO का मुख्यालय
जेनेवा में है। तथा नवम्बर 2017 तक इसके सदस्य देशों की संख्या 164 है। 29 जूलाई 2016 को अफगानिस्तान डब्लूटीओ का 164वॉं सदस्य बना।
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मंत्रीस्तरीय सम्मेलन डब्लूटीओ की सर्वोच्च संस्था
है। सभी सदस्य देशों के मंत्री इसके सदस्य है। इस संस्था की प्रत्येंक दो वर्ष में कम-से-कम एक बैठक अवश्य होगी।
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आयात-निर्यात
के लिए वित्त व्यवस्था हेतु भारत में शिखर संस्था निर्यात-आयात बैंक (EXIM BANK) है। इसकी स्थापना 1 जनवरी 1982 को की गई थी।
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