Thursday, June 14, 2018

कृषि


कृषि


·         कृषि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का मेरुदण्‍ड है तथा जनसंख्‍या का 48.9प्रतिशत भाग आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। निजी क्षेत्र का यह सबसे बड़ा व्यवसाय है।
·         जनवरी, 2004 में राष्‍ट्रीय किसान आयोग का गठन हुआ, जिसके प्रथम अध्यक्ष सोमपाल थे।
·         भारत में कृषि वर्ष 1 जुलाई से 30 जून माना जाता हे।
·         भारत में कृषि क्षेत्र के जीडीपी का 0.3प्रतिशत भाग कृषि शोध पर व्‍यय किया जाता है, जबकि अमेरिका में यह 4प्रतिशत है। राष्‍ट्रीय किसान आयोग ने इसे 5प्रतिशत करने का सुझाव दिया है।
·         आर्थिक समीक्षा 2015-16 के अनुसार 2014-15 (प्रथम संशोधित अनुमान) में जीडीपी में कृषि की भागीदारी स्थिर कीमतों पर 17.4प्रतिशत थी।
·         राष्‍ट्रीय आय लेखांकन की संशोधित विधि के अनुसार स्थिर कीमतों पर सकल मूल्‍यवर्द्धन जीवीए मं विकास दरें 2014-15 मं 1.1प्रतिशत आकलित की गई, जबकि 2013-14 में यह 3.7प्रतिशत थी।
·         वर्ष 2014-15 में देश के निर्यात में कृषि और संबंधित वस्‍तुओं का अनुपात 12.1प्रतिशत रहा, जबकि वर्ष 2013-14 में 13.8प्रतिशत था।
·         वर्ष 2014-15 में कृषिगत आयात देश के कुल आयात का 5.82प्रतिशत रहा, जबकि 2013-14 मं यह 3.2प्रतिशत था।
·         औद्योगिक क्षेत्र के लिए कृषि का महत्व न सिर्फ कच्चे माल की आपूर्ति तक सीमित है, बल्कि यह औद्योगिक क्षेत्र में लगे लोगों के लिए खाद्यान्न तथा औद्योगिक उत्पाद हेतु उत्पाद हेतु बाजार भी प्रस्‍तुत करता है।

कृषिगत पंजों के अधिकतम उत्‍पादन करने वाले राज्‍य
उपज
राज्‍य
कुल उत्‍पादन का प्रतिशत
चावल
प. बंगाल
14.0
गेहूँ
उत्तरप्रदेश
28.4
मक्का
आन्‍ध्रप्रदेश
17.9
मोटा अनाज
राजस्‍थान
18.1
दालें
मध्‍य प्रदेश
27.4
कुल खाद्यान्न
उत्तरप्रदेश
16.8
मुँगफली
गुजरात
33.9
सरसों
राजस्‍थान
45.9
सोयाबीन
मध्‍यप्रदेश
60.3
सनफ्लॉवर
कर्नाटक
51.1
समस्‍त तेलहन
मध्‍यप्रदेश
29.0
गन्ना
उत्तरप्रदेश
38.5
कपास
गुजरात
31.3
जूट
प. बंगाल
77.9

कृषि आदान व उत्‍पादन
·         भारतीय कृषि अब भी मानसून पर ही निर्भर करती है। वर्ष 2012-13 पूरे भारत के कुल फसल उत्‍पादन क्षेत्र में निवल सिंचित क्षेत्र 33.9प्रतिशत था। सबसे अधिक सिंचित क्षेत्र की दृष्टि से चार राज्यों का अवरोही क्रम(घटते क्रम में) है-
1.   उत्तरप्रदेश
2.   पंजाब
3.   तमिलनाडू
4.   हरियाणा
·         सबसे कम सिंचित क्षेत्रवाला राज्‍य असम है।
·         कुल क्षेत्रफल के प्रतिशत की दृष्टि से सर्वाधिक सिंचित राज्‍य पंजाब 97.8प्रतिशत है और सर्वाधिक असिंचित राज्‍य मिजोरम 92.8प्रतिशत है।
·         नल कूप, कुआं तथा नहर द्वारा सिंचित क्षेत्रों का क्षेत्रफल के आधार पर निम्‍न क्रम है
o    नल कूप
·         नहर
§  कुआं
·         नल कूप द्वारा सर्वाधिक क्षेत्रफल की सिंचाई उत्तरप्रदेश में होती है।
·         देश के अधिकतर भागों में भारतीय मृदा में बोरान, जिंक, तांबा, लोहा आदि जैसे सूक्ष्म पोषक तत्‍वों की कमी दिखाई देती है।
·         भारतीय मृदा का 67प्रतिशत हिस्‍सा कम जैविक कार्बन से युक्त है, इसलिए जैविक उर्वरकों के प्रयोग को बढाने की जरूरत है।
·         भारत में कृषि उत्‍पादन को दो भागों में बांटा जा सकता है --
o    खाद्यान्न (हिस्‍सा दो तिहाई)
o    अखाद्यान्‍न (हिस्‍सा एक तिहाई)
·         भारत की मुख्‍य खाद्य फसल चावल है।
·         भारत विश्‍व में ब्राजील के बाद चीनी उत्‍पादन करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है।
·         विश्‍व के कुल कॉफी उत्‍पादन के 4प्रतिशत भाग का उत्‍पादन भारत (विश्‍व में छठा स्‍थान, ब्राजील प्रथम) में होता है। भारत में कॉफी के कुल उत्‍पादन का 56.5प्रतिशत केवल कर्नाटक राज्‍य में होता है।
·         भारत में गेहूँ का उत्‍पादक राज्‍य
o    उत्तरप्रदेश
·         पंजाब
§  मध्‍यप्रदेश
·         भारत में चावल का उत्‍पादक राज्‍य
o    प.बंगाल
·         उत्तर देश
§  आन्‍ध्रपदेश
·         राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना अक्‍टूबर 1999 से लागू किया गया है।
·         भूमि सुधार के अन्‍तर्गत मूख्‍यत: तीन प्रकार के कदम उठाये गये है।--
o    मध्‍यस्‍थों का उन्मूलन
o    काश्तकारी सुधार
o    कृषि का पुनर्गठन
·         पहली पंचवर्षीय योजना की समाप्ति तक देश में मध्‍यस्‍तों का उन्मूलन (छोटे-छोटे क्षेत्रों को छोडकर) किया जा चूका था।
·         काश्तकारी सुधार के अन्‍तर्गत मुख्यतः: तीन प्रकार के उपाय किये गये --
o    लगान का नियमन
o    काश्त अधिकार की सुरक्षा
o    काश्तकारों को भूमि का मालिकाना अधिकार
·         कृषि के पुनर्गठन के अन्‍तर्गत मुख्यतः: दो प्रकार के उपाय --
o    जोतों की सीमा बन्‍दी
o    जोतों की चकबन्‍दी किये गये हैं।
·         जोतो की सीमाबन्‍दी जोत का वह महत्तम क्षेत्रफल है, जो राज्यों के कानून द्वारा निर्धारित किया जाता है तथा जिससे अधिक जोत का होना अवैध माना जाता है।
·         जोतों की चकबन्‍दी विभाजित व खण्डित जोतों का इकट्ठा करना है।
·         भारत में सर्वाधिक जोतों की संख्‍या सीमान्‍त प्रकार का है।
·         1हेक्‍टेयर से कम क्षेत्रफल वाली जोत सीमान्‍त जोत, 1 से 4 हेक्‍टेयर वाली जोत लघु जोत तथा 4 हेक्‍टेयर से बडी क्षेत्रफल वाली जोत वृहत् जोत कही जाती है।
·         भारत में सबसे पहले 1920 मं बडौदा में चकबन्‍दी लागू की गई।
·         हरित क्रान्ति का प्रारंभ तीसरी पंचवर्षीय योजना से माना जाता है।
·         इसका सर्वाधिक सकारात्मक प्रभाव गेहूँ पर पड़ा है, जिसका पैदावार 500प्रतिशत की वृद्धि हुई।
·         कृषि वित्त के गैर-संस्‍थागत स्‍त्रोतों में महाजन तथा साहूकार, संबंधी या रिश्तेदार, व्‍यापारी, जमींदार ओर आढ़तिये प्रमुख है।
·         कृषि वित्त के संस्‍थागत स्‍त्रोतों में सहकारी समितियां और सहकारी बैंक, व्‍यापारिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सरकार आदि प्रमुख है।
·         सहकारी साख संगठन का प्रारंभ सर्वप्रथम 1904 में हुआ था।
·         प्राथमिक सहकारी समिति अल्पकालीन ऋण उपलब्‍ध कराती है।
·         राज्‍य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक दीर्घकालीन ऋण उपलब्‍ध कराती है

कृषि उत्पाद बोर्ड
क्रम.
निकाय
मुख्‍यालय
अधिनियम
1
कॉफी बोर्ड
बंगलुरु कर्नाटक
कॉफी अधिनियम 1942 की धारा 4(K)
2
रबर बोर्ड
कोट्टायम
रबर अधिनियम (केरल) 1947 द्वारा
3
चाय बोर्ड
कोलकाता
चाय अधिनियम 1953
4
तम्‍बाकू बोर्ड
गुंटूर
तम्‍बाकू अधिनियम(आन्‍ध्रप्रदेश) 1975
5
मसाला बोर्ड
कोच्चि (केरल)
मसाला अधिनियम 1966
6
राष्‍ट्रीय मांस और पॉल्‍ट्री प्रसंस्‍करण बोर्ड
दिल्‍ली
26 दिसम्‍बर 2008
7
भारतीय अंगूर  प्रसंस्‍करण बोर्ड
पुणे
2 जनवरी 2009
8
राष्‍ट्रीय जूट बोर्ड
कोलकाता

9
राष्‍ट्रीय मत्‍स्‍य विकास बोर्ड
हैदराबाद
2006
सम्‍बद्ध क्षेत्र : पशुपालन, डेरी और मत्‍स्‍य उद्योग
·         भारतीय कृषि प्रणाली रोजगार, भारवाही पशुओं और खाद प्रदान करते हुए खेती की मिश्रित फसल-पशुपालन  खेती प्रणाली है।
·         2014-15 में भारत में 146.3 मिलियन टन दुग्ध का उत्‍पादन हुआ जो वर्ष 2013-14 के 137.69 मिलियन टन से 6.26प्रतिशत अधिक है।
·         2014-15 में विश्‍व में दुग्ध उत्‍पादन मं भारत प्रथम स्‍थान पर है यहाँ विश्‍व के दुग्ध उत्‍पादन 18.5 प्रतिशत उत्पादित किया गया।
नोट : FAO के अनुसार 2014 में विश्‍व में 789 मिलियन टन दुग्ध का उत्‍पादन हुआ जो वर्ष 2013 के 765 मिलियन टन से 3.1प्रतिशत अधिक है।
·         वर्ष 2014-15 में भारत मं प्रति व्‍यक्ति दुग्ध उपलब्धता 322ग्राम प्रतिदिन हो गई, यह 2013 के दौरान 294 ग्राम प्रतिदिन के विश्‍व औसत से अधिक है।
·         वर्ष 2014-15 मं अंडों का उत्‍पादन लगभग 78.48 बिलियन तथा मुर्गे के मांस का उत्‍पादन अनुमानतः: 3.04 मीट्रिक टन था।
·         मत्‍स्‍य उद्योग का हिस्‍सा देश के जीडीपी का लगभग 1प्रतिशत तथा कृषि के जीडीपी का 5.08प्रतिशत है।
·         2014-15 में कुल मछली उत्‍पादन 10.16 मीट्रीक टन था, जो 2013-14 के उत्‍पादन से 6.18प्रतिशत अधिक है।
·         2015-16 की पहली दो तिमाहियों में 4.79 मीट्रिक टन (अंतरिम) मछली उत्‍पादन का अनुमान है।
·         2015 के एफएओं की रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुपोषित लोगों की संख्‍या 194.6 मिलियन है।

भारत  का कृषि व्‍यापार
·         विश्‍व व्‍यापार संगठन (WTO) की व्‍यापार सांख्यिकी के अनुसार वर्ष 2014 में विश्‍व व्‍यापार में व्‍यापार मं भारत का कृषि निर्यात और आयात का हिस्‍सा क्रमश: 2.46प्रतिशत और 1.46प्रतिशत था।
·         कृषि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में कृषि निर्यात वर्ष 2014-15 में 12.08प्रतिशत हो गया। इसी अवधि के दौरान कृषि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में कृषि आयात 5.82प्रतिशत हो गया।  

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